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BRDIGITALINDIA project of DRB Foundation. It aims to bring happy and prosperous life to millions of people by forming meaningful, long lasting and mutually rewarding business association. It has built up its base through distinguished quality products and income plans the quality of which is being widely honored and acclaimed. It has a unique business solution for all class of people to earn unlimited income.

वृक्षारोपण हेतु अनुदान सहायता राशि donate of tree=500

डी आर बी फाउंडेशन एक संगठन है ( 2017 में स्थापित) जो ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से गरीबी उन्मूलन के लिए समर्पित है। यह एक उद्यमिता मॉडल के माध्यम से ग्रामीण भारत में जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है जो ग्रामीण युवाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करता है और कम आय वाले ग्रामीण परिवारों को सामाजिक रूप से प्रभावशाली उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है। ग्रामीण उद्यमियों की पहचान, चयन और सामाजिक प्रभाव उत्पादों के साथ-साथ सेवाओं के लिए जागरूकता, पहुंच और सामर्थ्य के मुद्दों को संबोधित करके उनके गांवों में सामाजिक परिवर्तन निर्माता बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ये उद्यमी व्यापक जागरूकता अभियानों, उत्पाद प्रदर्शनों और व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव, व्यवहार परिवर्तन और सामूहिक भागीदारी के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करते हैं। संस्था महिला महिला सशक्तिकरण) मुख्य रूप से महिलाओं को स्वतंत्र बनाने की प्रथा को संदर्भित करता है ताकि वे स्वयं निर्णय ले सकें और साथ ही बिना किसी पारिवारिक या सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को संभाल सकें। सरल शब्दों में, यह महिलाओं को अपने स्वयं के व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देता है वृक्षारोपण मूल रूप से पौधों को पेड़ का रूप देने की प्रक्रिया है और इसीलिए उनका अलग-अलग स्थानों पर रोपण किया जाता है। वृक्षारोपण के पीछे का कारण ज्यादातर वनों को बढ़ावा देना, भूनिर्माण और भूमि सुधार है। वृक्षारोपण के इन उद्देश्यों में से प्रत्येक अपने स्वयं के अनूठे कारण के लिए महत्वपूर्ण है।

भूमिका : भूतकाल में मनुष्य की वस्त्र, भोजन, और आवास सभी जरूरत वृक्षों से ही पूरी होती थी। फल उसके भोजन, पत्ते और छाल उसके कपड़े और लकड़ी तथा पत्तियों से बनी झोंपड़ी उसका घर होती थी। आग लगाने का पता चलने पर उसने उष्ण भी वृक्षों से ही प्राप्त किया था। आज के समय में भी वृक्ष मनुष्य के जीवन का आधार हैं। वृक्षों से ही हमे फलों और फूलों की प्राप्ति होती है। बहुत प्रकार की जड़ी-बूटियां भी हमें वृक्षों से ही प्राप्त होती है।

प्रकृति की पूजा : वन महोत्सव से हमारे मन में प्रकृति की पूजा का भाव उत्पन्न होता है। इस दृष्टि से देखा जाये तो छोटे पौधों का भी उतना ही महत्व होता है जितना बड़े पौधों का होता है। छोटे पौधे बड़े होकर बड़े पौधों की जगह ले लेते हैं। वन हमारे प्रेरणा के स्त्रोत होते हैं। वन से हमे रोगों के इलाज के लिए दवाईयाँ मिलती हैं। वन प्रकृति की देन हैं इसलिए हमें प्रकृति की पूजा करनी चाहिए। बेल, तुलसी, केला, बड और पीपल की पूजा की जाती है।

मानव का जीवन : वन मानव जीवन के लिए निधि होते हैं। लेकिन जनसंख्या के बढने से वन काट दिए गये और धरती रहने और कृषि करने के योग्य बना दी गई। भारत में बहुत घने वन थे लेकिन धीरे-धीरे वनों का नाश भयंकर रूप से होने लगा। नए पेड़ लगाना संभव नहीं किया गया। स्वतंत्रता के बाद वनों की ओर ध्यान दिया गया है और देश में वन महोत्सव को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाने लगता है।

इस उत्सव को सारे संसार में बहुत ही खुशी से मनाया जाने लगा। हर जगह पर कोई एक बड़ा आदमी पेड़ लगाता है और दूसरे लोग उसका अनुसरण करते हैं। वृक्ष हमारे लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं जब तप्ती दोपहर होती है तब हम वृक्ष की छाया में बैठते हैं। वृक्षों से मानव जीवन में ईंधन, वनस्पतियों और फल-फूलों की जरूरत पूरी होती हैं। आदिकाल से ही वृक्ष मनुष्य की जरूरतों को पूरा करते आ रहे हैं।

वृक्ष हमारे मित्र : मानव और वनों को मित्र कहा जाता है। इनके लाभों को गिनना असंभव है। वृक्ष जहर कार्बन-डाई-आक्साईड को लेकर हमे जीने के लिए ऑक्सीजन देते हैं। वृक्ष अपने लिए भोजन बनाते हैं लेकिन फल के रूप में हमें दे देते हैं। इनके घने कुंज वन्य जीवन को रहने के लिए जगह और सुरक्षा देते हैं। ये हमारे बहुत ही सच्चे मित्र होते हैं। वृक्ष खुद तप्ती धूप को सहकर हमे छाया देते हैं।

धरती का सौंदर्य : वृक्षों को धरती का सौंदर्य माना जाता है। पूरी धरती पर हरियाली होने की वजह से ही धरती रंग-बिरंगी दिखाई देती है। हरी-हरी घास वाले पहाड़ी क्षेत्र और हर मौसम में खिलने वाले फूल ही हमारा मन मोह लेते हैं। घने जंगलों की हरियाली को देखकर ह्रदय खुशी से भर जाता है।

मन में शांति और सुख का अनुभव होता है। वृक्ष वर्षा करने में सहायता करते हैं। अगर धरती पर नमी न हो तो धरती रेगिस्तान में बदल जाएगी। पूरा प्राणी और पशु जगत इन्हीं वृक्षों और वनस्पतियों पर आश्रित हैं। वृक्षों के बिना धरती की दशा का हम किसी मरुस्थलीय देश को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। बाढ़ को रोकने में भी वृक्ष हमारी सहायता करते हैं। ये धरती की जीवन रक्षा करते हैं।

हवा की शुद्धि : जब अनेक वैज्ञानिक खोजें की गईं तब हमें यह पता चला कि वृक्ष और वनस्पतियाँ हवा को शुद्ध करती हैं। ये वर्षा करने में सहायता करते हैं और वातावरण को भी संतुलित बनाए रखते हैं। साँस लेने के लिए या जिंदा रहने के लिए जिस ऑक्सीजन की जरूरत होती है वो हम सब को केवल वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वृक्ष हमारे लिए ही वायु प्रदूषण की लड़ाई भी लड़ते है।

वन क्षरण : आजकल लोग भविष्य की चिंता किये बिना ही वनों को लगातार काटते जा रहे हैं। आच्छादित भूमि पर से वनों को काटकर नगर और शहर बसाए जा रहे हैं और उद्योग धंधों की स्थापना की जा रही है। ईंधन की कमी को पूरा करने के लिए तथा घरेलू उपकरण और कृषि के लिए लोग वनों को अंधाधुंध काटे जा रहे हैं।

दूसरे देशों के मुकाबले हमारे भारत में वनों के साथ उपेक्षा का व्यवहार किया जाता है। जनसंख्या बढती जा रही है और वनों की संख्या बहुत ही कम होती जा रही है। हम वृक्षों का विकास किये बिना हम उनसे अधिक-से-अधिक वनस्पति प्राप्त कैसे कर सकते हैं।

उपसंहार : वृक्षों के महत्व से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है। अब हर गाँव में पेड़ लगाए जा रहे हैं। हमारे देश के लोग भी वृक्षों के संदर्भ में अपने कर्तव्य से अवगत हो रहे हैं। वे वृक्षों के विकास के लिए प्रयत्नशील हैं।

हर साल वन महोत्सव बनाया जाता है और वृक्षारोपण का काम किया जाता है। हमें भी अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और स्वास्थ्य के उपहार को वृक्षों से प्राप्त करना चाहिए। हम वृक्षों को बचाकर धरती को सुंदर, हर भरा और जीवन योग्य बना सकते हैं।

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